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एब्स्ट्रैक्ट:वैक्सीनेशन की गति धीमी होने के कारण जनसंख्या के एक बड़े हिस्से के लिए वायरस का खतरा बरकरार है
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए देश की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) ग्रोथ का अनुमान 12.5 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है। इसके लिए IMF ने कोरोना की दूसरी लहर फैलने के कारण हुए नुकसान का कारण बताया है।
कोरोना की दूसरी लहर से इकोनॉमी को बड़ा झटका लगा है और डिमांड में काफी कमी आई है।
IMF ने अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा है, “मार्च के मध्य में कोरोना की दूसरी लहर से फैलने के बाद देश में ग्रोथ की संभावनाएं कम हुई है। इससे बिजनेस कॉन्फिडेंस भी बहुत कमजोर हुआ है।”
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रिपोर्ट में बताया गया है कि रिकवरी में जल्द तेजी आने की संभावना नहीं है क्योंकि जनसंख्या के बड़े हिस्से को अभी भी वायरस से खतरा है। भारत सहित उन देशों में रिकवरी को बड़ा झटका लगा है जहां कोरोना के मामले दोबारा बढ़े थे।
इससे पहले कुछ अन्य इंटरनेशनल एजेंसियां भी देश की ग्रोथ के अनुमान को घटा चुकी हैं। इन एजेंसियों का कहना है कि वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी होने से ग्रोथ को लेकर खतरा बरकरार है।
हालांकि, सरकार ने वैक्सीनेशन को बढ़ाने की कोशिशें की हैं लेकिन अभी भी जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को वैक्सीन की पहली डोज भी नहीं लगी है।
पिछले फाइनेंशियल ईयर में भी कोरोना के कारण इकोनॉमी को बड़ा नुकसान हुआ था। इससे बड़ी संख्या में नौकरियां गई थी और डिमांड में काफी कमी आई थी।
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